Tuesday 19 March 2019

सेवा भाव के दो साल



मुझे इस बात का पूर्ण संतोष है कि देवभूमि उत्तराखंड की सेवा करते हुए हमारी सरकार ने दो वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। हमारा मानना है कि पारदर्शिता और जवाबदेही तय कर ही सुशासन का फायदा जन जन तक पहुंचाया जा सकता है।

हमारे सामने उत्तराखंड में भ्रष्चाटार एक बड़ी चुनौती है इसलिए हमने प्रधानमंत्री मोदी जी के जीरो टॉलरेंस मंत्र को आत्मसात किया है। एनएच-74 घोटाले से लेकर समाज कल्याण विभाग की अनियमितताओं पर सख्त कदम उठाए हैं। ट्रांसफर पोस्टिंग उत्तराखंड में उद्योग की तरह चलता था, हमने ट्रांसफर एक्ट लाकर इस धंधे को बंद किया है।मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूँ कि हम भ्रष्चाटार से कोई समझौता नही करेंगे। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई हम सबको मिलकर लड़नी होगी, तभी हम अपने भविष्य को सुरक्षित रख पाएंगे।

सर्वे सन्तु निरामयाः का भाव हमारी संस्कृति में निहित है। मगर पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं हमारे लिए चुनौती थी। हम जानते हैं कि पहाड़ों में आज भी लोगों को उचित इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ता है। महिलाओं को गहने तक बेचने पड़ते हैं, किसान जमीन गिरवी रख देते हैं। मैंने इन हालातों को नजदीक से देखा है इसलिए प्रधानमंत्री जी की आयुष्मान भारत योजना से प्रेरणा लेकर, वित्तीय संसाधनों की फिक्र किए बिना संपूर्ण प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना को लागू किया। इस योजना से प्रदेश के समस्त 23 लाख परिवारों को सालाना पांच लाख रुपए तक निशुल्क इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। मुझे खुशी है कि अब तक करीब 14 हजार लोग अटल आय़ुष्मान योजना से निशुल्क इलाज करवा चुके हैं, जिस पर 13 करोड़ रुपए व्यय हुए हैं। इसी तरह 2160 लोग आयुष्मान भारत का लाभ ले चुके हैं।

मेरे प्यारे उत्तराखंड वासियों,
शांत सुरक्षित माहौल, एक मजबूत बुनियादी ढांचा, कुशल मैनपावर, व्यवहारिक नीतिगत फैसले राज्य को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। उत्तराखंड में ये सबकुछ था, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के चलते ब़डे पैमाने पर निवेश लाने की कोशिश नहीं की गई। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने पहली बार इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन करवाया जिसमें सवा लाख करोड़ रुपए के एमओयू साइन किए गए। पिछले 17 साल में उत्तराखंड में कुल मिलाकर 40 हजार करोड़ रुपए का निवेश आया था। मुझे खुशी है कि पिछले पांच महीनों में ही हम 13 हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर चुके हैं। इस साल के अंत तक 20 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट धरातल पर उतर जाएंगे। इससे रोजगार के बंपर अवसर पैदा होंगे। मैं कह सकता हूँ, एक समृद्ध उत्तराखंड के निर्माण की नींव रखी जा चुकी है।


आज उत्तराखंड में इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्र सरकार के सहयोग से रोड़रेल और एयर कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। ये डबल इंजन सरकार का असर है कि उत्तराखंड में आज 12 हजार करोड़ रुपए की ऑल वेदर रोड का प्रोजेक्ट चल रहा है। 10 हजार करोड़ रुपए की भारतमाला परियोजना का काम चल रहा है। 4700 करोड़ रुपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पर काम चल रहा है। 16 हजार करोड़ से ज्यादा की कीमत की ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन पर काम चल रहा है। राज्य में विभिन्न नेशनल हाइवे के निर्माण पर 9 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

33 हजार करोड़ रुपए की पंचेश्वर बहुद्देश्यीय परियोजना पर काम चल रहा है। लखवाड़ परियोजना पर 4 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं केंद्र सरकार के सहयोग से सहकारिता विकास के लिए 3340 करोड़ रुपए की राज्य समेकित सहकारिता परियोजना शुरू की गई है। इससे 55 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।  प्रदेश में ऑर्गैनिक खेती के विकास पर केंद्र से 1500 करोड़ रुपए की मदद मिल रही है। करीब 8 हजार करोड़ रुपए की लागत से नमामि गंगे के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
बेहतर शिक्षा और रोजगार बढ़ाना हमारी पहली प्राथमिकता रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से सहकारिता विकास के लिए 3340 करोड़ रुपए की राज्य समेकित सहकारिता परियोजना शुरू की गई है। इससे 55 हजार लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। हमने पर्यटन के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजित करने के लिए पॉलिसी में बदलाव किए हैं। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में हजारों युवाओं को रोजगार देने के प्रयास हो रहे हैं। 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड डेस्टिनेशन स्थापित किए जा रहे हैं। ग्रामीण पर्यटन को मजबूती देने के लिए 5000 नए होमस्टे बना रहे हैं। निवेश के प्रोजेक्ट्स से एक साल के भीतर 20 हजार लोगों को रोजगार मिलने वाला है। पिछले दो साल में हमने सरकारी नौकरियोंआउटसोर्ससंविदा और प्राइवेट सेक्टर में कुल मिलाकर ढाई लाख युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया है। हम उत्तराखंड को हायर एजुकेशन का हब बनाना चाहते हैं। हमारे प्रदेश में IIM, IIT AIIMS जैसे संस्थान पहले से थे, अब सिपैट की स्थापना से युवाओं के करियर को नई दिशा मिली है। राज्य में पहली नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में क्वालिटी एजुकेशन के लिए दो मॉडल कॉलेजों व एक वोकेशन कॉलेज की स्थापना की जा रही है। साइसं सिटी स्थापित हो रही है।

किसान भाइयों का कल्याण हमारी सोच का केंद्रबिंदु हैं।माननीय प्रधानमंत्री जी के सहयोग से किसानों की आय बढ़ाने और इनकम सपोर्ट देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनकम सपोर्ट के लिए किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 हजार रुपए सालाना सीधे किसानों के खाते में जा रहा है। प्रदेश के 92 फीसद किसान इस योजना के पात्र हैं। हमारी सरकार किसानों को बिना ब्याज के कृषि ऋण उपलब्ध करा रही है, कृषक समूहों को भी बिना ब्याज के पांच लाख रुपए तक का ऋण दिया जा रहा है। फार्म मशीनरी बैक से कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। हमने समय से गन्ना किसानों के बकाया राशि का 100 प्रतिशत भुगतान किया है। गेंहूं की खरीद पर किसानों को 20 रुपए प्रतिकुंतल का प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। देवभोग प्रसाद योजना से महिलाएं सशक्त बन रही हैं. केदारधाम में महिलाओं ने पिछले यात्रा सीजन में डेढ़ करोड़ का प्रसाद बेचकर अच्छी खासी कमाई की।

महिला समूहों को उद्यमिता के लिए बिना ब्याज के ₹5 लाख तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। एकल महिलाओं के लिए सखी ई रिक्शा योजना चलाई जा रही है। महिला सुरक्षा की दृष्टि से पैनिक बटन की शुरुआत की गई है।

कुल मिलाकर दो साल में हमारी सरकार ने एक समृद्ध उत्तराखंड के निर्माण की ओर कदम बढ़ाए हैं। मुझे उम्मीद है आपके प्यार और आशीर्वाद से हम अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करेंगे।

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3 comments:

  1. Yajnayen to bahut hain per ground pe kitni utri hain aur har gaun se iska data liya jaye aur sarwajan8k kiya jaye to asli tasweer saamne ayegi...warna to kagaj pe kuchh bhi likhte rahiye... Warna congress aur bjp me farak karna muskil ho jayega...namo namo

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  2. ‌सेवा में श्रीमान
    ‌ माननीय मुख्यमंत्री महोदय
    ‌ उत्तराखंड
    ‌ विषय – माननीय मुख्यमंत्री घोषणा अन्तर्गत पालसो ,से गापानी ,कामेटपानी लिंक रोड 8.00 किलोमीटर प्रस्ताव नंबर ( FP Uk Road 15673 /2015) जो कि ऑनलाइन है
    ‌महोदय
    ‌उक्त मोटर मार्ग से सम्बंधित वनभूमि हस्तांतरण ऑनलाइन प्रस्ताव संस्तुति सहित अप्पर सचिव उत्तराखंड शासन देहरादून द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति हेतु अप्पर प्रमुख वैन संरक्ष्यक भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय F R I उत्तराखंड देहरादून को प्रेषित किया गया था जिसमे भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय क्षेत्रीय कार्यालय F R I उत्तराखंड देहरादून द्वारा प्रस्ताव में आपत्तियां लगाई गई है
    ‌जिसके कारण ग्रमीण बीमार आदमी और प्रसूता महिलाओं को डोली से सड़क तक ले जाना बहुत जोखिम भरा और जानमाल का डर बना रहता है क्यों कि पैदल रास्ते भी नहीं है
    ‌अतः महोदय से निवेदन है इस विषय को संज्ञान ले कर इसे सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान करने की कृपा कीजियेगा हम आप के बहुत बहुत आभारी रहेंगे
    ‌ धन्यबाद
    ‌ भवदीय
    ‌ नाम — खुशाल गिरी
    ‌ ग्राम- — गापानी
    ‌ जिला – — बागेश्वर
    ‌ विधानसभा क्षेत्र – कपकोट
    ‌ फ़ोन – 8954675905 ईमेल- khushalggoswami@gmail.com

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